दरभंगा जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर के दूरी पर अवस्थित पतोर गाँव में स्थापित माँ वैष्णवी दुर्गा का अद्भुत मंदिर अपने भव्यता एवं माता के चमत्कारों एवं भक्तों के मनोकामना पूर्ति के लिए समूचे क्षेत्र में प्रसिद्ध है| यह मंदिर पतोर गाँव के लबकी पोखर के किनारे पर अवस्थित है जहां प्रांगन में पहुँचते ही यहाँ का मनोरम द्रिश्य से लोगो का मन भक्तिमय एवं शांतचित हो जाता है| PATOR DURGA MANDIR.
इस मंदिर की स्थाप्तना पतोर के ग्रामीणों के द्वारा एक साधारण से भवन में की गयी थी लेकिन माँ दुर्गा के चमत्कारों एवं कृपा से ग्रामीणों एवं भक्तो के सहयोग से आज यहाँ माँ दुर्गा के आलौकिक एवं भव्य मंदिर का निर्माण हो गया है यहाँ शारदीय नवरात्रों में माँ दुर्गा के वैदिक विधि विधान से पूजा की जाती है जिसका संचालन गाँव के ही पूजा समिति के द्वारा की जाती है | नवरात्रों के अलावा अन्य दिन भी मंदिर परिसर प्रातः एवं संध्या पूजन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है|DURGA MANDIR PATOR
नवरात्रों में पूजा की शुरुआत कलश स्थापना से होती है कलश स्थापना के लिए यहाँ गाँव के ही युवको द्वारा गंगा जी से गंगा जल लाया जाता है जिससे के कलश स्थापना की जाती है | इसके बाद प्रत्येक दिन प्रातः एवं संध्या पूजन , आरती , स्तुती प्रकांड पंडितो की द्वारा पूर्ण वैदिक विधि विधान से की जाती है| विशेष अनुष्ठान षष्टी के दिन विल्व (बेल) निमंत्रण से आरम्भ होता है जिसमे सम्पूर्ण गाँव के लोग पूर्ण भक्तिमय होकर भाग लेते है| पुनः सप्तमी को निमंत्रित विल्व (बेल ) को पूर्ण विधि विधान से लाया जाता है और उसके बाद वैदिक विधि विधान से माँ दुर्गा का प्राण प्रतिष्ठा के साथ भक्तो के दर्शन हेतु पट खोला जाता है|माँ दुर्गा के पट खुलने और दर्शन शुरू होते ही पूरा मंदिर परिसर भक्तों से भर जाता है| इसके बाद भक्तों का तांता लगातार लगा रहता है और मुंडन पूजा एवं खोइंछा भरने का कार्यक्रम आरम्भ हो जाता है| सप्तमी के मध्यरात्रि से माँ दुर्गा का विशेस अनुष्ठान महानिशा पूजा आरम्भ होती है जो की प्रातः होने से पहले समाप्त होती है इस पूजा का सम्पूर्ण नवरात्रों में विशेष महत्त्व है| इस पूजा के दौरान सम्पूर्ण मंदिर परिसर भक्तों से खचाखच भरा होता है और दूर दूर से भक्तगण अपने मनोकामना पूर्ति हेतु इस पूजा में सम्मिलित होते है| PATOR DURGA MANDIR पूजा के समाप्ति के उपरान्त भक्तों के बीच माँ दुर्गा के महाप्रसाद का वितरण किया जाता है| क्रमशः अष्टमी पूजा एवं नवमी पूजा के उपरान्त मंदिर परिश्र में बने हुए हवनकुंड में माँ दुर्गा का हवन का आयोजन किया जाता है| विजयादशमी के दिन माँ दुर्गा की विसर्जन एवं माता के विदाई के साथ इस अनुष्ठान के समाप्ति होती है|
माँ दुर्गा मंदिर पतोर की महत्ता :-
पतोर स्थित माँ दुर्गा मंदिर में माँ की विशेष कृपा है यहाँ माँ सर्वमानोकमना पूर्ण करने वाली हैं| यहाँ जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी मनोकामना लेकर आते है वो हमेशा पूर्ण होती है| खासकर यहाँ संतान प्राप्ति हेतु लोग मन्नत लेकर आते है और पूर्ण होती है जिसके कारण यहाँ दूर दूर से अन्य जगहों से भक्तों का तांता लगा रहता है| और संतान प्राप्ति के मन्नत पूर्ण होने पर भक्त यहाँ अपने संतान का मुंडन करवाते है जिसके फलस्वरूप सप्तमी से अष्टमी तक यहाँ मुंडन के लिए तांता लगा रहता है| माँ दुर्गा की यहाँ इतना महत्ता है की संतान प्राप्ति मनोकामना पूर्ण होने के कारण मुसलमान औरते भी यहाँ नवरात्रों के दौरान पूजा एवं खोइंछा भरने के लिए आती है| इन सभी माता के चमत्कारों और कृपा से ही माँ दुर्गा मंदिर पतोर समूचे क्षेत्र में मनोकामना पूर्ति हेतु प्रसिध है|PATOR DURGA MANDIR
जहां भक्तों का तांता लगा रहता आप तमाम भक्तो से आग्रह है के आप भी एक बार माँ दुर्गा मंदिर पतोर जाकर माँ का दर्शन प्राप्त करके अपने मनोकामना पूर्ण करें और अपने जीवन को धन्य करें | आशा है की माँ दुर्गा की कृपा से आने वाले समय में यह मंदिर एक दर्शनीय तीर्थस्थान के रूप में विकशित होगी| जय माता दी जय माँ दुर्गे जय माँ वैष्णवीPATOR DURGA MANDIR